मुख्यमंत्री निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना
मुख्यमंत्री निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना
योजना कब से प्रारंभ की गई 20 जून 2013
योजना का उद्देश्य
o निःशक्त विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना।
o निःशक्त विद्यार्थी जो दोनो पैरों से चलने में सक्षम नहीं है (अस्थिबाधित) उनकी पहुंच शैक्षणिक संस्थाओं तक बाधारहित/सुगम बनाना।
o दृष्टिबाधित/श्रवणबाधित विद्यार्थियों को अध्ययन हेतु सहायक उपकरण उपलब्ध कराना।
o निःशक्त विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराकर उनको आत्मनिर्भर बनाना।
o समग्र पोर्टल पर नाम अंकित हों।
सहायता का स्वरूप
नि:शक्तता की श्रेणीसामग्री का नामप्रथम बारद्वितीयबारमंदबुद्धिलेपटाप10 वी मे प्रथम बार प्रवेश लेने पर एक बार हीस्नातक / पोलिटेक्निक मे प्रवेश लेने परद्रष्टिबाधितलेपटाप10 वी मे प्रथम बार प्रवेश लेने पर एक बार हीस्नातक / पोलिटेक्निक मे प्रवेश लेने परश्रवणबाधितलेपटाप10 वी मे प्रथम बार प्रवेश लेने पर एक बार हीस्नातक / पोलिटेक्निक मे प्रवेश लेने परअस्थिबाधित (दोनो हाथ न होने पर)लेपटाप10 वी मे प्रथम बार प्रवेश लेने पर एक बार हीस्नातक / पोलिटेक्निक मे प्रवेश लेने परअस्थिबाधित (दोनो पेरो से चलने मे अक्षम)मोट्रेट ट्रायसिकल10 वी मे प्रथम बार प्रवेश लेने पर एक बार हीस्नातक / पोलिटेक्निक मे प्रवेश लेने पर
पात्रता के मापदण्ड
(1) मध्यप्रदेश के मूल निवासी हो,
(2) अस्थिबाधित श्रेणी के विद्यार्थी ने गत परीक्षा में 60% से अधिक अंक प्राप्त किये हो एवं अन्य श्रेणी के निःशक्तजनों ने 50% अंक प्राप्त कर शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल, महाविद्यालय अथवा पोलीटेक्निक (कालेज में न्यूनतम दो वर्ष का डिप्लोमा) हेतु नियमित विद्यार्थी के रूप में प्रवेश लिया हो।
(3) निःशक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 के अंतर्गत निःशक्तता की श्रेणी में आते हुये, अस्थिबाधित जो दोनों पैरा से चलने में असमर्थ, दृष्टिबाधित 40 प्रतिशत से अधिक, श्रवण बाधित 40 प्रतिशत से अधिक, मंदबुद्धि जिनको चिकित्सकों द्वारा प्रमाण-पत्र जारी किया गया हो।
(4) स्पर्श पोर्टल पर नाम अंकित हो।
आवेदन की प्रक्रिया
निःशक्त विद्यार्थियों को सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग के अंतर्गत स्पर्श पोर्टल पर आवेदन करना होगा जिसका निर्धारित प्रारुप आवेदन पत्र वेबसाईट पर उपलब्ध है, आवेदन पत्र में समग्र कोड और स्कूल/महाविद्यालय का कोड अनिवार्य रुप से अंकित करना होगा।
स्वीकृति हेतु पदाविहित अधिकारी कलेक्टर।
समय सीमा - प्रवेश लेने के दो माह के भीतर
Comments
Post a Comment